सहेलियों की बाड़ी उदयपुर शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और यहां एक देखने लायक जगह है । सहेलियों की बाड़ी 18 वीं शताब्दी का स्मारक है जिसका अपना एक ऐतिहासिक महत्त्व है । इस गार्डन में हरे-भरे लॉन, कैनोपिड वॉकिंग लेन और शानदार फव्वारे शामिल हैं ।
सहेलियों की बाड़ी भारतीय राज्य Rajasthan के Udaipur ज़िले का प्रमुख और एक लोकप्रिय उद्यान है । इसका निर्माण महाराणा संग्राम सिंह ने करवाया था । सहेलियों की बाड़ी एक 48 जवान महिलाओं का समूह था जिसे Udaipur की राजकुमारी के दहेज़ के तौर पर दिया गया था । इसलिए उनके लिए इस उद्यान का निर्माण करवाया था । राजा संग्राम सिंह ने खुद सहेलियों की बाड़ी को डिजाइन किया और अपनी खूबसूरत रानी को यह स्मारक तोहफे में दिया । राजा यह जानते थे कि रानी को बारिश की आवाज बहुत पसंद थी इसलिए उन्होंने इसको फतेह सागर झील के किनारे पर बनाया गया था जो पानी के एक निरंतर स्रोत के रूप में काम करती है । चिड़िया की चोंच के आकार के फव्वारे जो कि इंग्लैंड से मंगवाए गए हैं, इस बगीचे का आकर्षण कई गुना बढ़ा देते हैं । इन पक्षियों की चोंच से लगातार पानी भरा रहता है ।
सहेलियों
की
बाड़ी
जाने
का
सबसे
अच्छा
समय
सुबह
या
फिर
शाम
के
समय
का
होता
है
। उदयपुर शहर
घूमने
के
लिए
अक्टूबर
और
फरवरी
के
बीच
के
महीने
सबसे
अच्छे
होते
हैं
जो
सर्दियों
का
मौसम
होता
है
। सहेलियों की
बारी
सुबह
8
से
शाम
7
बजे
तक
खोली
जाती
है
। सहेलियों की
बाड़ी
उदयपुर
को
प्रतिदिन
देखने
के
लिए
हजारों
लोग
आते
हैं
। सहेलियों की
बाड़ी
में
ticket
भारतीयों
के
लिए
10
रुपये or विदेशियों के
लिए
50
रुपये
हैं ।