जीवदानी
माता मंदिर
जीवदानी
माता
मंदिर
वैतरणी
नदी
के
किनारे
और
सातपुरा
पहाड़ी
क्षेत्र
में
बसा
हुआ
है
।
महाराष्ट्र
में
ठाणे
के
विरार
में
है
। यह
देवी
जीवदानी
के
अपने
एकमात्र
मंदिर
के
लिए
पूरे
देश
में
प्रसिद्ध
है,
जो
शहर
के
पूर्वी
हिस्से
में
एक
पहाड़ी
के
ऊपर
जमीनी
स्तर
से
लगभग
1300
कदम
ऊपर
स्थित
है
। विरार
में
150
साल
पुराना
जीवदानी
मंदिर,
रविवार
और
त्योहारों
के
दौरान
हजारों
भक्तों
को
आकर्षित
करता
है
।
जीवदानी
का
अर्थ
है
जीवन
देने
वाली
माता
।
जानकारों
के
मुताबिक
इस
सातपुरा
पहाडिय़ों
की
शृंखला
में
पहले
जीवन
दायी
औषधियां
मिलती
थी
।
इन
औषधियों
से
लोगों
की
प्राण
रक्षा
होती
थी,
इसलिए
एक
मान्यता
यह
भी
है
कि
इसी
वजह
से
माता
का
नाम
जीवदानी
पड़ा
गया
।
वैतरणी
नदी
के
किनारे
पहाड़ियों
के
ऊपर
बसे
जीवदानी
मंदिर
तक
पहुंचने
के
लिये
दर्शनार्थियों
को
करीब 1300 सीढ़ियां
चढ़नी
होती
है
।
रोपवे
का
निर्माण
किया
है
जिसकी
ticket
200 रुपये है ।
दिन
में
घूमने
का
सबसे
अच्छा
समय
सुबह
5:30
बजे
से
शाम
7:00
बजे
के
बीच
।
प्रतिदिन
तीन
बार
आरती
भी
होती
है,
परन्तु
दोपहर
में
लगभग
1 घंटे तक
मंदिर
की साफ़-सफाई
के
लिए
बंद
किया
जाता
है
।
विरार
रेलवे
स्टेशन
से
आप
रिक्सा
में
जा
सकते
हैं
। रोपवे में
टिकट
200 रुपये है ।
रोपवे
में
से
उतर
ने
के
बाद
भी
आपको
100 सीढ़ियां चढ़नी
होती
है
। जीवदानी माता
के
शांति
से
दर्शन
हो
जाते
हैं
। यहां आपको
रास्ते
में
बंदर
भी
दिखाएं dege
। जीवदानी
माता
के
दर्शन
करने
के
बाद
आपको
फिर
से
सीढ़ियां चढ़नी
है ।
ऊपर
महाकाली
माता
का
मंदिर
है
। वहा जाना
है
दर्शन
करने
के
लिए
। ऊपर आपको
चिड़िया
घर
देखने
को
मिलेगा
। ऊपर से
देखने
पर
मौसम
रंगिन
लगता
है
। पहाड़ी से
आपको
नदी
भी
दिखाई
देगी
। माताजी के
दर्शन
करने
के
बाद
niche
आना
है
। आपको गणपति
बाप
के
दर्शन
करने
हैं
। यहां पर
शॉपिंग
करने
के
लिए
बहुत
सारे
dukane
हैं ।