क्रिसमस
शब्द
Mass
of Christ से निकला
है
।
पहली
बार
इसे
पहले
ईसाई
रोमन
सम्राट
और
रोमन
सम्राट
कॉन्सटेंटाइन
(Christian
Roman emperor) के शासनकाल
के
दौरान
336
में
मनाया
गया
था
।
जिसके
कुछ
सालों
बाद
पोप
जुलियस
ने
आधिकारिक
तौर
पर जीसस
क्राइस्ट
का
जन्मदिवस 25
दिसंबर
के
दिन
मनाने
का
ऐलान
कर
दिया
।
ईसाई
धर्म
की
धार्मिक
पुस्तक
बाइबिल
के
अनुसार
माता
मरियम
के
गर्भ
से
ईसाई
धर्म
के
प्रमुख
भगवान
ईसा
मसीह
का
इसी
दिन
जन्म
हुआ
था
इसलिए
इस
त्योहार
को
मनाया
जाता
है
।
ईसा
मसीह
का
जन्मदिन
शांति
और
प्रेम
का
संदेश
देता
है
क्रिसमस,
प्रेम
और
एकता
की
सीख
देती
है
।
साल
25
दिसंबर
को
क्रिसमस
मनाते
हैं
।
सांता
क्लॉज
का
असली
नाम
Saint
Nicholas है । इनका
जन्म
ईसा
मसीह
की
मृत्यु
के
उपरांत
लगभग 280
साल
बाद तुर्की
के
Myra
में
हुआ
वह
यीशु
के
गहरे
उपासक
थे
। संत निकोलस
हमेशा
गरीबों
की
सेवा
में
लगे
रहते
थे,
बड़े
होकर
वहपादरी
बन
गए,
फिर
बिशप
। इसके बाद
उन्हें
संत
की
उपाधि
मिल
गई
। कहते हैं
कि क्रिसमस
पर
बच्चों
में
खुशियां
बांटने
के
लिए
वह
रात
के
अंधेरे
में
अपनी
खास
पोशाक
पहनकर
तोहफे
देने
जाते
थे,
ताकि
कोई
उन्हें
पहचान
न
सके
। सांता क्लॉज
सफ़ेद
रंग
की
दाढ़ी
मुछों
वाला
लाल
रंग
की
पौशाक
पहने
एक
गोल
मटोल
बूढा
आदमी
होता
है
।