शीतलादेवी
मंदिर
शीतला
देवी
का
मंदिर
बहुत
प्राचीन
है ।
शीतलादेवी
मंदिर
पालघर
से
15 किमी दूर
केल्वे
बीच
रोड
पर
आया
है
।
यहां
पर
आप
पालघर
से
टैक्सी
यानी
की
Dam
Dam में आ
सकते
हैं
।
बहुत
दूर
के
अतीत
में
बने
इस
मंदिर
का
लगभग
300 साल पहले
एक
सातवीं
महिला
शासक
देवी
अहिल्याबाई
होल्कर
के
हाथों
पूर्ण
नवीनीकरण
और
जीर्णोद्धार
हुआ
था
।
एक
अखंड
पत्थर
से
उकेरी
गई
देवी
की
यह
मूर्ति
स्वयंभू
है
।
हजारों
भक्तों
ने
अनुभव
किया
है
कि
वह
पुरुषों
को
विभिन्न
रोगों,
व्याधियों
और
कठिनाइयों
से
सुरक्षित
रूप
से
मुक्त
करती
हैं
।
यह
महाराष्ट्र,
गुजरात
और
राजस्थान
के
अनगिनत
भक्तों
की
आशा
और
विश्वास
का
स्थान
है
। मन्नतें
पूरी
करने
वाले
हजारों
भक्त
बार-बार
शीतला
देवी
के
मंदिर
में
आते
हैं
।
शीतलादेवी
मंदिर
के
सामने
तालाब
बहुत
प्राचीन
है,
यह
भगवान
राम
के
समय
का
है
।
राम-रावण
युद्ध
के
दौरान
राम
लंका
जाने
से
पहले
अहि
और
माही
राक्षसों
का
नाश
करने
के
बाद
करदलीवाह
यानी
आधुनिक
कालवे
में
रुके
थे
।
भगवान
शिव
के
सच्चे
भक्त
होने
के
नाते,
राम
भगवान
शिव
के
प्रतीक
पर
पवित्र
धरती
को
छिड़कना
चाहते
थे
और
इसलिए
उन्होंने
जमीन
में
एक
तीर
मारा
और
पानी
की
एक
सुंदर
झील
थी
जिसे
आज
रामकुंड
के
नाम
से
जाना
जाता
है
।
शीतलादेवी
मंदिर
में
फुल
वगेरा
ले
जाने
की
अनुमति
नहीं
है
।
माताजी
के
दर्शन
करने
के
बाद
केल्वे
बीच
जाना
है
।
दोपहर
के
समय
beach
par जाना चाहिए
।
आप
फोटोशूट
के
लिए
भी
बेस्ट
बीच
कह
सकते
हैं
।
केल्वे
बीच
पर
जाने
के
लिए
आपको
टिकट
लेनी
होगी
।
टिकट
20
रुपये
है
।